हैद्राबाद गॅझेट नुसार मराठा कुणबी सर्व जातीय नोदी

हैद्राबाद गॅझेट नुसार मराठा कुणबी सर्व जातीय नोदी 

#हैद्राबाद गॅझेटनुसार मराठा कुणब्यांसह सर्व जातींचे औरंगाबाद, जालना, परभणी, बीड, नांदेड,आणि बिदर नळदुर्ग(धाराशिव) या जिल्ह्यांच्या सलग ४५  वर्ष असलेल्या नोंदींचे वास्तव चित्र


हैद्राबाद, दिल्ली, मुंबईसह अनेक दप्तरखाण्याला भेटी देऊन मी आज पुणे येथील पत्रकार परिषदेत मांडलेले वास्तव चित्र. त्यानुसार निजामाच्या अंकित असलेल्या तत्कालीन मराठवाड्यातील नोंदीचे चित्र खालीलप्रमाणे आहे.

हैद्राबाद निजाम डॉमिनियन
निजाम प्रशासनातले नऊ  जिल्हे  1884
हैद्राबाद- अथरफ ई बाल्डा     औरंगाबाद,

एलगंदळ                 बीड            रायचूर,
नळगोंडा                 नांदेड          लिंगसागर
वारंगळ                 परभणी
बिदर                  गुलबरगा
इंदुर                    नलदुर्ग (उस्मानाबाद)

मेहबूबनगर, मेढक, शिरपूर तंदूर ,
ह्या जनगणनेसाठी  ब्रिटिशांच तगडं नियोजन , शेकडो enumerator   म्हणजेच पर्यवेक्षकांची फौज तयार ठेवली होती . 
हैदराबादचा बिर्टीश रेसिडेंट सर रिचर्ड मिड Sir Richard Meade यांनी प्रमुख काम पाहिले . 

त्याच्या आधी Dr. Brabley & Company नावाच्या जगप्रसिद्ध कंपनीने सुद्धा प्रचंड डाटा कलेक्शन केलं होतं.
1884च्या जुलै महिन्यामध्ये मुंबईहून टाइम्स ऑफ इंडिया प्रेसमधून या बाबतचे औरंगाबाद जिल्ह्याचे म्हणजेच आताच्या औरंगबाद आणि जालना जिल्ह्याचे 877 पानांचे गॅझेटियर प्रसिद्ध केले गेले.
शिवाय पुढे संपूर्ण हैदराबाद निजाम प्रशासन बाबत स्वतंत्र असे आणखी काही गॅझेटियर्स 1901 नंतर प्रकाशित करण्यात आली. 

1884 च्या जनगणनेनुसार हैद्राबादची निझाम स्टेटची स्थिति खालीलप्रमाणे- 

यामध्ये हैद्राबाद, तेलंगणा आणि मराठवाडा ह्या तिन्ही विभागांची लोकसंख्या एकत्रित आहे. 
एकूण लोकसंख्या 98 लाख 45 हजार 594 . हि लोकसंख्या हंटर कमिशनने सुद्धा ग्राह्य मानलेली आहे.
ब्राह्मण-- 2 लाख 59 हजार 147     राजपूत -49 हजार 843  बैरागी – 5 हजार 57     
बेरड –1 लाख 19 हजार 161         भोई—92 हजार 170    चांभार –4 लाख 47 हजार 312 दर्जी( शिंपी ) 30,937 धनगर 4 लाख 82 हजार 35          गवंडी 30,039 
गवळी 2 लाख 12 हजार 608     गोसावी 21395    जोगी 4371       लोहार 56,128   गुजराती 3544 लिंगायत 97 हजार 836      माळी –83 हजार 806
 कामाठी 1लाख 94 हजार 284 कोंष्टी 79,142      
कोळी –2 लाख 13 हजार 966     
कुणबी----16 लाख 58 हजार 665 . 
मराठा –3 लाख 69 हजार 636 ,
मांग  -3 लाख 15 हजार 732                         
महार – 8 लाख 6 हजर 653 
 मानभाव 2627 
कुंभार –90, 835  
महाली --1 लाख 2213 ,   
मारवाडी—42009,  
सोनार 88 हजार 769 , 
तेलंगे –3 लाख 27338 ,    
 तेली 67,564 ,         
  वडार 54 हजार 833 
बंजारा  – 6120 , 
बनिए 3 लाख 92184  भिल्ल –8470 , गोंड 39513 ,कोय्या 45300’  लमाणी—85204, पारधी – 2114   

ही सर्व हैद्राबाद डॉमिनियन मधली सन १९८४ मधील प्रत्यक्ष जनगणनेने दिलेली माहिती आहे.

नांदेड जिल्हा
जननेनुसार वर्ष         एकूण लोकसंख्या
1881 -             636023
1891-             632522
1901 -            503684
मराठवाड्यामध्ये 1889 मध्ये प्रचंड दुष्काळ पडला होता. त्यामुळे लाखांहून अधिक माणसे #मृत्यू पावली किवां दुसऱ्या भागामध्ये स्तलांतरित झाल्यामुळे ही मोठी घट पडली. 

त्यावेळेच्या नांदेड जिल्ह्यातील तालुक्यांची नावे –
उस्माननगर, हदगाव, भैसा, बिलोली, देगलूर, कंधार, नांदेड व उरलेली जहागिरी अंकित भाग 
जिल्ह्यातील प्रमुख जातींची एकूण संख्या
मराठा कुणबी किवां कापू – 1,29,700            
कोळी-    15,500 
व्यावसायिक जाती 48,600     वाणी -34,900         
कोमटी- 11,600 धनगर – 45,000         महार – 36,700 मांग व चांभार – 33,000 ब्राह्मण – 10,200 
मराठा कुणबी किवां कापू याबद्दल ब्रिटिशांचा पान क्रमांक 226 वरील स्पष्ट रिमार्क 
The purely agricultural castes number 1,71,600 or about 34 %, the most important among them being Maratha Kunbi or Kapus 1,29,700 

बीड जिल्हा
जननेनुसार वर्ष         एकूण लोकसंख्या
1881-            5,58,345
1891-            6,42,722
1901-            4,92,258
1899 व 1900 सालामध्ये बीड भागात पडलेल्या प्रचंड दुष्काळामुळे साधारण दिड लाख लोक मरण पावले किवां त्यापैकी अनेकजण इतर प्रांतामध्ये स्तलांतरित झाले. 
1901 मधील बीड जिल्ह्यामध्ये खालील प्रमाणे तालुके होते. 
1 बीड, 2 गेवराई  3 माजलगाव 4 आंबा(मोमिनाबाद) 5 केज   6 आष्टी  7 पाटोदा  8 #जहागिरी अंकित गावे 
1905 मध्ये आंबा तालुका केज तालुक्यामध्ये समाविष्ट करण्यात आला व तालुक्याचे नाव केज असे ठेवण्यात आले.        
            
जिल्ह्यातील जातवार #लोकसंख्या अशी 
मराठा कुणबी 1,96,000 म्हणजेच जिल्ह्याच्या 39 % कुणबी होते.
बंजारा 36,400  कोळी 2600     महार- 41,300     
धनगर- 26,000         मांग आणि चांभार 25,400
ब्राह्मण- 21,600         माळी 12,700 ,
 वाणी 6,960             मारवाडी 6,100     ख्रिश्चन- 75          
पान क्रमांक 234 वरील महत्वाचा रिमार्क
 The most numerous caste is the Maratha Kunabi numbering 196,000, or more than 39 % of the total population. 

नळदुर्ग उर्फ उस्मानाबाद (सध्याच्या लातूर मधील काही तालुक्यांसाह)  
जननेनुसार वर्ष         एकूण लोकसंख्या
1881    -        5,83,402
1891    -        6,49,272
1901    -        5,35,027
1901 च्या प्रशासकीय व्या उस्मानाबाद जिल्ह्यातील तालुके खालील प्रमाणे होते. 
 उस्मानाबाद, कळंब, वाशी, औसा, तुळजापूर, नळदुर्ग , परांडा ,जहागीर अंकित गावे
1905 मध्ये वाशी तालुका कळंब तालुक्यामध्ये तर नळदुर्ग तुळजापूरमध्ये समाविष्ट करण्यात आला. 
जिल्ह्यातील मुख्य #जातींची नोंद खालीलप्रमाणे 
जाला तेलगू मध्ये कापू व मराठी मध्ये कुणबी म्हणतात त्यांची एकूण लोकसंख्या 2,5000 म्हणजेच जिल्ह्याच्या 38 % होती. 
धनगर 28,700             महार 51,000 
मांग व चांभार 36,000,         वाणी 42,000,         
ब्राह्मण – 18,000
तेथे पान क्रमांक 262 वर असे नमूद केले आहे की, 
The most numerous castes is that of the cultivating Kapus (Telugu) or Kunbis (Maratha) who number 2,05,000 or 38 % of the total. 
       
परभणी
जननेनुसार वर्ष         एकूण लोकसंख्या
1881    -        6,85,099
1891    -        8,05,335
1901    -        6,45,765
1901 च्या प्रशासकीय व्यवस्थेनुसार परभणी जिल्ह्यातील तालुके खालील प्रमाणे होते. 
परभणी, जिंतूर, हिंगोली, कळमनुरी, बसमत, पालम, पाथरी, जहागिरी अंकित गावे      
जिल्ह्यातील प्रमुख जातींची लोकसंख्या खालीलप्रमाणे 
कुणबी- 2,60,800,     जिल्ह्याच्या 40 % टक्के 
महार- 67,400                  धनगर- 47,900 
बानीया वाणी – 33,700     ब्राह्मण – 20,500         
मांग व चांभार-24,000         
पान क्रमांक 216 वर अशी नोंद कारण्यात अली आहे की 
The most numerous caste is that of the cultivating Kubi who number 2,60,800 or more than 40% of the total population. 

औरंगाबाद (आत्ताच्या जालन्यासह)
जननेनुसार वर्ष         एकूण लोकसंख्या
1881    -         7,30,380
1891    -         8,28,975
1901    -         7,26,407
1899 व 1900 मध्ये प्रचंड मोठा #दुष्काळ पडल्यामुळे जिल्ह्यातील लाखभर माणसे मृत पावली होती किवां त्यांनी जिल्ह्यातून दुसरीकडे #स्तलांतर केले होते. 
त्यावेळी औरंगाबाद जिल्ह्यात खालीलप्रमाणे तालुके होते. 
औरंगाबाद, सिल्लोड, भोकरधन, जालना, पैठण, गंगापूर , वैजापूर , कन्नड, खुलताबाद व जहागिरी अंकित काही गावे
जिल्ह्यातील प्रमुख जातवार लोकसंख्या खालील प्रमाणे-
मराठा कुणबी 2,57,000,         बंजारा 8,900             कोळी- 7000 मराठा होळकर 5,800        माळी-18,600 महार 66,800  मांग व चांभार 21,500               धनगर- 31,931         ब्राह्मण 28,491       वाणी- 4,600 मारवाडी- 7,800     ख्रिश्चन 2,673    मुस्लिम- 78,687           

बिदर
जननेनुसार वर्ष         एकूण लोकसंख्या
1881    -         7,88,827
1891    -         9,01,984
1901    -         7,66,129
तेव्हा बिदर जिल्ह्यामध्ये कारीमुंगी, बिदर, औराद, निलंगा, उदगीर, वारावल राजुरा, व जहागिरी अंतर्गत गावे अशी रचना होती.    
जिल्ह्यातील प्रमुख जातींची #लोकसंख्या खालीलप्रमाणे
 
कुणबी तथा कापू  1,13,800  
बनिया व वाणी.     13,000 
धनगर                   52000 
 महार.                   68,000 
 मांग                       60,000   

पैकी आता निलंगा व उदगीर हे तालुके सध्याच्या लातूर जिल्ह्यामध्ये समाविष्ट झाले आहेत. 
1901 च्या लोकसंख्येप्रमाणे त्यांची संख्या खालीलप्रमाणे 

   तालुक्याचे नाव        एकूण गावे               लोकसंख्या 
निलंगा             63                 39,830 
उदगीर             154                 78,642
                     

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